पिछले कुछ समय से हमने आपको वर्णमाला, लिपी आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की है। लेकिन अब हम आपको शब्द किसे कहते हैं, शब्द के प्रकार और उदाहरण के सभी महत्वपूर्ण जानकारी आसान भाषा में देने वाले हैं।
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शब्द किसे कहते हैं?
वर्णों के समूह जिनका अर्थ सार्थक होता है, उसे शब्द कहा जाता है।
ऊपर दिए गए शब्द की परिभाषा को समझना आजकल के हिंदी बोलने वाले लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि नीचे हम आपको छोटे-छोटे भागों में सब के बारे में बताने वाले हैं।
वर्ण के बाद सबसे छोटी इकाई भाषा में शब्द को कहा जाता है। उदाहरण के लिए एक वर्ण से निर्मित शब्द व (और) न (नहीं), इसी तरह अनेक वर्णों से निर्मित शब्द नयन, कुत्ता, परमात्मा आदि है।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता देना चाहते हैं कि पुराने जमाने से भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्मा भी कहा जाता है। अगर आप वाक्य की परिभाषा जानते हैं, तो शब्द की परिभाषा जानना आपके लिए आसान होगा। क्योंकि एक से ज्यादा शब्द मिलकर एक पूरा वाक्य बनता है।
शब्द के प्रकार
सबसे पहले हम आपको बता देना चाहते हैं कि हम इस सेक्शन में आपको आसान भाषा में शब्दों के प्रकारों की जानकारी प्रदान करने वाले हैं। लेकिन इंटरनेट पर पहले से ही मौजूद कुछ अलग लेखों में आपको यही जानकारी अलग तरीके से मिलेगी। सामान्यतः शब्द के दो प्रकार होते हैं, जो कि इस प्रकार है,
- रचना के आधार पर शब्द
- अर्थ के आधार पर शब्द
1. रचना के आधार पर शब्द
रचना के आधार पर कुल 3 प्रकार की शब्द होते हैं। योग और परिवर्तन के द्वारा बनाए गए शब्दों को ही रचना पर आधारित शब्द कहा गया है। इस आधार पर वर्गीकृत किए गए ज्यादातर शब्दों को पुराने जमाने में ज्यादा उपयोग किया जाता था।
- रूढ़ शब्द संज्ञा
- यौगिक रूढ़ संज्ञा
- योगरूढ़ संज्ञा
रूढ़ शब्द संज्ञा:
जिस संज्ञा का शब्द सार्थक खंडन हो सके उसे रूढ़ शब्द संज्ञा कहा जाता है। उदाहरण के लिए आग, पानी, राम, सीता, कृष्ण, राधा विष्णु आदि।
यौगिक रूढ़ संज्ञा:
जब संज्ञा दो या फिर इससे अधिक रूढ़ संज्ञाओं से बनती है, तो इसे आमतौर पर यौगिक रूढ़ संज्ञा कहा जाता है। उदाहरण के लिए पाठशाला = पाठ + शाला, दशरथ = दश + रथ
योगरूढ़ संज्ञा:
योगरूढ़ संज्ञा की परिभाषा यह है कि दो रूढ़ संज्ञाओं से मिलकर बनी संज्ञा को ही योगरूढ़ संज्ञा कहा गया है। लेकिन योगरूढ़ संज्ञा का अर्थ रूढ़ संज्ञाओं से अलग होता है। उदाहरण के लिए दशानन अर्थात रावण = दस + आनन
2. अर्थ के आधार पर शब्द
प्रतिदिन हम किसी से अपने विचार प्रकट करने के लिए बहुत सारे शब्दों का उपयोग करते हैं, जिनमें से बहुत सारे शब्द अर्थ के आधार होते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी शब्द हम उपयोग करते हैं, जिनके 1 से भी ज्यादा अर्थ होते हैं, इस आधार पर वर्गीकृत किए गए शब्दों को ही अर्थ के आधार पर शब्द कहा जाता है। अर्थ के आधार पर शब्द कुल 5 प्रकार के होते हैं।
- संज्ञा
- सर्वनाम
- क्रिया
- विशेषण
- अव्यय
संज्ञा:
आमतौर पर संज्ञा का अर्थ नाम होता है। उदाहरण के लिए गुण, वस्तु, प्राणी, जाति व्यक्ति क्रिया और भाव आदि के नाम को संज्ञा कहा जाता है। इसके अलावा संध्या के आधार पर कुल 5 प्रकार के शब्द होते हैं, जो कि इस प्रकार है,
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- द्रव्यमान वाचक संध्या
- भाववाचक संज्ञा
- समूह वाचक संध्या
सर्वनाम:
आप हमें बता देना चाहते हैं कि सर्वनाम का अर्थ सबका नाम होता है। सर्वनाम की परिभाषा की बात करें, तो सर्वनाम का मतलब वह शब्द है, जो कि संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होकर भी उस स्थान पर आने वाली संज्ञा के अर्थ की पूर्ति करता है। लेकिन संज्ञा नहीं होता है, जैसे कि वास्तविक नाम।
उदाहरण के लिए ” मैं पानी पीकर खाना खाता हूं”।
इस वाक्य में मैं किसी एक व्यक्ति का सूचक नहीं है। लेकिन इस वाक्य को बोलने वाले प्रत्येक व्यक्ति का सूचक सर्वनाम के रूप में होता है।
आपको बता दें कि सर्वनाम के कुल छह प्रकार होते हैं जो कि इस प्रकार है,
- निजवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निश्चय वाचक सर्वनम
- संबंधवाचक सर्वनाम
- निश्चय वाचक सर्वनाम।
क्रिया:
क्रिया की परिभाषा के बारे में बात करें, तो जिन शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने का बोध होता है, उसे क्रिया कहा जाता है। धातु से ही क्रिया शब्द का निर्माण होता है। उदाहरण के लिए पढ़ना, खाना-पीना, जाना इत्यादि।
क्रिया के मुख्य रूप से दो भेद होते हैं, जो कि इस प्रकार है,
- सकर्मक
- अकर्मक
विशेषण:
विशेषण परिभाषा की बात करें, तो सर्वनाम या फिर साधना शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं। उदाहरण के लिए दयालु सुंदर काला बड़ा कायर, एक आदि।
- परिमाणवाचक विशेषण
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- सर्वनाम विशेषण
अव्यय:
वचन, कारक और लिंग के आधार पर मूल शब्द में कोई परिवर्तन नहीं होता है, उनको अव्यय कहा जाता है। उदाहरण के लिए किंतु, परंतु, जब तक, कल, इधर-उधर, आज, क्यों, इसलिए आदि। अव्यय के चार प्रकार है।
- क्रिया विशेषण
- संबंधबोधक अव्यय
- समुच्चयबोधक अव्यय
- विस्मयमधिबोधक अव्यय
यह लेख हमने बहुत सारी रिसर्च करके और किताबें पढ़कर बनाई है आशा करता हूं कि आप को इस लेख के जरिए शब्द किसे कहते हैं, इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी से फायदा जरूर हुआ होगा।
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