पक्षियों में से सबसे खतरनाक पक्षी की कोई बात करता है तो हमारे मन में सबसे पहले गरुड़ का नाम आता है। गरुड़ सबसे खतरनाक शिकारी भी है, यह बड़े से बड़े शिकार को भी आसानी से पकड़ कर खाता है, जैसे कि समुद्र में शार्क, छोटी मछलियां और जंगलों में भेड़, बकरी और हिरण आदि।
गरुड़ के बारे में बहुत सारे रोचक तथ्य है, लेकिन क्या आपको पता है सभी देवी देवताओं के अपना एक वाहन होता है, जैसे कि गणेश जी का चूहा, शिवजी का नंदी गाय, माता सरस्वती के पास सफेद हंस होता है। वैसे ही मां दुर्गा के पास शेर और लक्ष्मी के पास उल्लू होता है, वैसे ही गरुड़ भी एक देवी या देवता का वाहन है।
यदि आप इसका उत्तर नहीं जानते हैं तो हम आपको बताना चाहता हूं कि भगवान विष्णु जी का वाहन गरुड़ पक्षी को कहा जाता है। आपने रामायण में भी गरुड़ का नाम सुना होगा, जिसमें गरुड़ ने भगवान श्री राम की मदद करने की कोशिश की थी। तो नीचे हम आपको गुड़ के कुछ रोचक तथ्य और जानकारी की सूची प्रदान करने वाले हैं।
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गरुड़ पक्षी के बारे में रोचक जानकारी
1. शारीरिक रूप से गरुड़ पक्षी का आकार बहुत विशालकाय होता है।
2. जैसे शेर जंगल का राजा है, वैसे ही पक्षियों में भी गरुड़ को पक्षियों का राजा माना जाता है।
3. आपने अक्सर इंटरनेट पर गरुड़ को बड़े-बड़े शिकारियों का शिकार करते हुए देखा होगा या पलक झपकते शिकार को दबोच लेता है।
4. हजारों फीट की ऊंचाई पर आसानी से गरुड़ पक्षी उड़ सकता है और उतने ऊंचाई से शिकार को क्लीयरली देख सकता है।
5. गरुड़ पक्षी का उल्लेख सनातन धर्म के बहुत सारे पौराणिक कथाओं में और ग्रंथों में मिलता है।
6. गरुड़ पक्षी अत्यंत बुद्धिमान और चालाक पक्षियों में से एक है।
7. ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में गरुड़ इतना शक्तिशाली होता था कि अपने चोंच से बड़े हाथी को भी उठाकर उड़ सकता था।
8. आपने गिद्ध पक्षी का नाम सुना होगा, यह मुर्दा खोर पक्षी होती है। लेकिन गरुड़ पक्षी अपना शिकार खुद करते हैं, लेकिन मुर्दा खोर नहीं है।
9. इस पक्षी के पंखों का आकार 6 से 8 फीट तक होता है।
10. जैसे मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है, वैसे इंडोनेशिया का राष्ट्रीय प्रतीक गरुड़ पक्षी है।
11. त्रेता युग में एक बहुत ही चमत्कारी किस्सा मुझे याद है, जब मेघनाथ ने भगवान श्री राम को नागपाश में बांध लिया था, तब भगवान देवर्षि नारद के आग्रह पर गरुड़ ने सभी नागों को खाकर भगवान श्रीराम को बंधन से छुड़ा दिया था।
12. प्राचीन काल से अब तक मतलब कलयुग में भी गरुड़ पक्षी मौजूद है।
13. ऐसा कहा जाता है कि गरुड़ पक्षी का सबसे मनपसंद का भोजन नाग है।
14. गरुड़ पक्षी का उल्लेख सतयुग से लेकर द्वापर युग त्रेता युग और अब कलयुग में भी है।
15. मादा गरुड़ जब अंडे देती है तो 35 दिनों तक लगातार अंडों की देखभाल करती है, तब तक नर गरुड़ उसके लिए खाने का इंतजाम करता है।
वर्तमान में गरुड़ पक्षी सबसे ज्यादा कहां पाया जाता है?
ऐसा कहा जाता है कि अब तक विश्व भर में जितने भी गरुड़ पक्षी है उनमें से आधे भागलपुर में है। आपको बता देगी एक आंकड़ों के हिसाब से अब दुनिया में केवल 1500 गरुड़ पक्षी मौजूद है और ज्यादातर असम, भागलपुर और कंबोडिया में गरुड़ पक्षी की प्रजातियों को देखा जा सकता है।
गरुड़ के बारे में अन्य जानकारी
कलयुग में तो हमें गरुड़ को देखने का सौभाग्य मिल चुका है, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि गरुड़ पक्षी का उद्भव सतयुग से ही हो चुका था, लेकिन त्रेता युग और द्वापर युग में इन्हें देखा गया।
एक कहानी ऐसी है कि सतयुग में दक्ष प्रजापति नाम का एक राजा था और उन्होंने उनकी बेटी को उस समय के प्रसिद्ध ऋषि कश्यप से विवाह कर दिया और शादी होने के बाद जब प्रजापति की बेटी विनीता मां बनने वाली थी तो उन्होंने मनुष्य की जगह दो अंडे को जन्म दिया।
फिर बाद में एक अंडे से अरुण और दूसरे अंडे से गरुड़ पैदा हुआ और अरुण को सूर्य देव की सारथी के रूप में और गरुड़ को भगवान श्री विष्णु जी की सारथी के रूप में जाना पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि यह दोनों अंडे बच्चे आधे पक्षी और आधे मनुष्य जैसे दिखाई देते थे।
गरुड़ पक्षी के कुछ फोटोस
भारत के कई इलाकों में अक्सर गरुड़ दिखाई देते हैं, खासकर के जंगलों में, क्योंकि गरुड़ आम तौर पर शहर की तरफ नहीं आते हैं।
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गरूड़ो की आबादी अब 1500 से नीचे रह गई है। सबसे ज्यादा असम, कंबोडिया और भागलपुर में करोड़ों की तादात है।
मछलियां और बड़े जानवरों के अलावा आमतौर पर गरुड़ के केकड़े, चूहे ऐसे छोटे-मोटे जानवरों को पकड़कर खाती है।