एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाला देश दुनिया में चाइना है। उसके बाद भारत का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है और यह बहुत ही शर्मनाक बात है। इस वजह से आज का यह लेख प्रदूषण क्या है, प्रदूषण किसे कहते हैं और प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं इसी पर आधारित है।
भारत में सभी प्रकार के प्रदूषण है, जिस वजह से लोगों को तकलीफ होती है। लेकिन सबसे बड़ा खतरा यह है कि आगे आने वाले समय में यह खतरा बहुत बड़ा होगा। जिसकी कल्पना वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में किया है, जिसके मुताबिक भविष्य में लोगों का जीना भी मुश्किल हो सकता है।
कई सारे फैक्ट्री की वजह से पोलूशन बहुत ज्यादा होता है, जैसे कि कई सारे विषैले हवा और पानी को छोड़ते हैं। जिससे प्रकृति को काफी नुकसान होता है। कई राज्य में सरकार को भी इसके बारे में जानकारी है, लेकिन फिर भी चुपचाप बैठी हुई है।
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प्रदूषण क्या है?
दूषित पदार्थों से पर्यावरण में प्राकृतिक असंतुलन पैदा होने को ही प्रदूषण कहा जाता है। आसान भाषा में समझाया जाए तो जब प्राकृतिक वस्तुओं को मानव निर्मित वस्तुओं से साथ मिला दिया जाए तो दूषित पदार्थ का निर्माण हो जाता है, जो कि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बनता है।
आज ओजोन लेयर का स्तर तेजी से घट रहा है। यदि आपको ओजोन लेयर के बारे में जानकारी नहीं है, तो हम आपको बता देना चाहते हैं कि पृथ्वी के नजदीक लगभग 30 किलोमीटर ऊंचाई में स्ट्रेटोस्फीयर होता है, जिसमें ओजोन स्तर होता है। ओजोन लेयर का काम सूर्य से आने वाली यूवी किरणों को शोषित करके उसे धरती पर पहुंचने से रोकना होता है।
सबसे पहले ओजोन लेयर के ऊपर रिसर्च 1980 के वर्ष में हुई थी, तब वैज्ञानिकों को पता चला था कि लगभग 50% ओजोन लेयर का स्तर घट गया है, जिससे आने वाले समय में धरती वासियों को मुश्किलों का सामना जरूर करना पड़ेगा।
ओजोन लेयर की शक्ति कम होने की वजह से हिमालय के बर्फ पिघलने लगे हैं, तथा मनुष्य को चर्म रोग का सामना भी करना पड़ रहा है। इसके अलावा यूवी किरणों की वजह से और भी बहुत सारी समस्या उत्पन्न होती है।
प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं?
प्रदूषण के प्रकार जैसे कि जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण और मूदा प्रदूषण आदि।
1. वायु प्रदूषण
कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और क्लोरोफ्लोरोकार्बन यह सभी वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण है, जो कि मोटर वाहन और फैक्ट्री से बाहर निकलने वाली गैस जैसे कि नाइट्रोजन ऑक्साइड से उत्पन्न होता है। धूल, मिट्टी और रसायन जैसे सूक्ष्म कणों का वायु में मिल जाने को ही वायु प्रदूषण कहते हैं।
2. जल प्रदूषण
जो पहले गांव हुआ करते थे, उन्हें अब बदल कर शहर में तब्दील किया जा रहा है। क्योंकि वहां पर बहुत सारे फैक्ट्री लगाए जा रहे हैं, जोकि दूषित जल को झरने, नदी और समुद्र में छोड़ देते हैं। जल ही जीवन है और यह धरती पर मौजूद सभी जीव जंतुओं के लिए आधार स्तंभ है। खराब कचरे और क्लोरीन जैसे रसायनिक पदार्थ से भी जल प्रदूषण होता है। आज समुद्र में इतना कचरा जम गया है कि अब समुद्र की मछलियों का भी जीना मुश्किल हो गया है।
3. मूदा प्रदूषण
मूदा प्रदूषण जिससे सोइल पोलूशन भी कहा जाता है, कारखानों के द्वारा खराब कचरे या फिर रासायनिक पदार्थों के रिसाव से मिट्टी दूषित होती है, जिस वजह से मूदा प्रदूषण होता है। इसके अलावा एक वैज्ञानिक के रिसर्च के अनुसार यह पता चला है कि यदि हम एक एक कर इस धरती के पेड़ काटते रहेंगे तो इसका असर धरती पर जरूर पड़ता है और यही एक बड़ा कारण है कि मूदा प्रदूषण होता है।
4. ध्वनि प्रदूषण
शुरुआत में तो इस धरती पर ध्वनि प्रदूषण जैसी कोई चीज नहीं थी, लेकिन जब मानव सभ्यता का विकास हुआ तब से ध्वनि प्रदूषण की समस्या विकराल और गंभीर होती जा रही है। तेज आवाज न सिर्फ सुनने में खराब लगती है, बल्कि यह सेहत के लिए भी हानिकारक है। जैसे की तेज आवाज या फिर ध्वनि प्रदूषण की वजह से ह्रदय रोग, सिरदर्द, अनिद्रा और रक्तचाप जैसे गंभीर बीमारियां उत्पन्न होती है। हवाई जहाज, रॉकेट और हेलीकॉप्टर के अलावा बाइक, कार, बस और कारखानों की वजह से भी ध्वनि प्रदूषण बहुत बड़े पैमाने में होता है।
5. रेडियोधर्मी प्रदूषण
रेडियोधर्मी प्रदूषण सुनने में अजीब और अनसुना लगता है। जब अमेरिका ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करके नागासाकी और हिरोशिमा पर जब हमला किया था, तब वहां पर बड़े पैमाने पर रेडियोधर्मी प्रदूषण हुआ था। परमाणु ऊर्जा के उत्पादन करने से या फिर इसके हथियारों का निर्माण करने से रेडियोधर्मी प्रदूषण का आगाज होता है।
तो दोस्तों यह थे प्रदूषण की परिभाषा और प्रदूषण के प्रकार की संपूर्ण जानकारी। वैसे तो प्रदूषण के बहुत सारे कारण होते हैं और इसके प्रभाव भी बहुत गंभीर होते हैं। आने वाले समय में अगर मनुष्य जाति को धरती पर सुख से रहना है, तो सबसे पहले लोगों के प्रति प्रदूषण के बारे में जागरूकता लाना बहुत जरूरी है।
Frequently Asked Questions
‘वायु, जल, मिट्टी आदि का दूषित द्रव्यों से दूषित होने को ही प्रदूषण कहते हैं म
मूदा प्रदूषण से फसल की पैदावार कम होती है और उस मिट्टी पर बनने वाली फसल खाने से जानवरों को और मनुष्य को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े मिट्टी के अंदर जाकर दूषित रसायनिक पदार्थ उत्पन्न करते हैं, जो कि मिट्टी के गुण को नष्ट करते हैं।
प्लास्टिक की वजह से फसलें पेड़ पौधे की वृद्धि और उत्पादन में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है।
अत्याधिक शोर या फिर अनुपयोगी आवाज की वजह से ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न होता है, जिसकी वजह हवाई जहाज, कारखाने, बस, गाड़ी, बाइक आदि है।
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धन्यवाद…