यदि आप कर्मचारी है या फिर स्टूडेंट है, तो आपको अभी-अभी ग्रेच्युटी के बारे में पता चल गया होगा। अगर आपको ग्रेच्युटी क्या है? इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है, तो चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको ग्रेच्युटी (Gratuity Meaning in Hindi) से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं।
Table of Contents
ग्रेच्युटी क्या है? (Gratuity Meaning in Hindi)
सबसे पहले हम आपको याद जानकारी बताना चाहते हैं कि ग्रेच्युटी एक तरह से कंपनी की तरफ से कर्मचारियों की लिए इनाम होता है, जब कोई भी कर्मचारी लंबे समय तक उस कंपनी में काम करता है।
इसका मतलब यह है कि जब कर्मचारी एक कंपनी में लंबे समय तक काम करता है, तो उसकी सैलरी में ग्रेच्युटी शामिल किया जाता है। लेकिन इसका पेमेंट उस कर्मचारी को हर महीने ना होकर एक साथ दिया जाता है। लेकिन इसके लिए भी कर्मचारियों को कुछ शर्तों का पालन करना पड़ता है। जिनके बारे में जानना आपको बहुत जरूरी है।
इसी तरह अधिकतर कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के बारे में आम जानकारी नहीं होती है, जिस वजह से उनको ग्रेच्युटी claim करने में परेशानी होती है। और कई बार वे शर्ते पूरी नहीं कर पाते हैं। जिस वजह से उनको इसका लाभ भी नहीं मिलता है।
ग्रेच्युटी का भुगतान करना किसे अनिवार्य है?
जब किसी भी संगठन में एक फाइनेंसियल ईयर में 10 कर्मचारी या फिर 10 से भी अधिक कर्मचारी काम करते हैं, तो उन संगठनों को अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना अनिवार्य हो जाता है।
संगठनों की लिस्ट:
- फैक्ट्री
- माइन
- ऑयल फील्ड
- पोर्ट
- रेलवे
- प्लांटेशन
- शॉप्स
- एजुकेशन संस्था
ऐसे संगठनों को ग्रेच्युटी का भुगतान भारत सरकार के ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के प्रावधानों के आधार पर किया जाता है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया 10 या फिर 10 से अधिक कर्मचारी जब किसी संगठन में काम करते हैं, तो उस संगठन को अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना अनिवार्य है।
इसके अलावा कुछ संगठन के ऊपर एक बार ग्रेच्युटी एक्ट लागू होने के बाद जब कभी भी उनके कर्मचारी 10 से कम भी हो जाते हैं, तो ग्रेच्युटी का भुगतान करना उनके लिए हमेशा अनिवार्य रहता है। इसके अलावा ऐसे बहुत सारे संगठन मौजूद हैं, जो कि अपने इच्छा से अपने कंपनी के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करते हैं और उन पर ग्रेच्युटी एक्ट 1972 लागू नहीं होता है।
लेकिन जब किसी संगठन के ऊपर ग्रेच्युटी एक्ट लागू हो जाता है, तो उनको किसी भी कीमत पर अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना आवश्यक होता है। नहीं तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
किन कर्मचारी को मिलेगा ग्रेच्युटी?
जब किसी भी संगठन के ऊपर ग्रेच्युटी एक्ट 1972 लागू हो जाता है, तो उन्हें सिर्फ उन्हें कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना पड़ता है, जो आवश्यक शर्तों को पूरा कर चुके होते हैं। इसके अलावा सबसे बड़ी जानकारी यह है कि जब कोई कर्मचारी लगातार 5 वर्ष किसी भी संगठन में काम करता है, तो उसका संगठन की तरफ से उसे ग्रेच्युटी प्रदान करना अनिवार्य है।
इसके अलावा ग्रेच्युटी का भुगतान ट्रेनी और इंटर्न के लिए नहीं है। बल्कि परमानेंट कर्मचारियों के लिए होता है। लेकिन 5 वर्ष की सेवा पूरे किए बिना जब कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, या फिर वह असक्षम हो जाता है, तब भी उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
Calculation of Gratuity
संगठन द्वारा ग्रेच्युटी की गणना कर्मचारियों के लिए 2 भाग में होता है:
- कर्मचारी जिन पर ग्रेच्युटी एक्ट 1972 लागू होता है।
- कर्मचारी जिन पर ग्रेच्युटी एक्ट लागू नहीं होता है।
कर्मचारी जिन पर ग्रेच्युटी एक्ट 1972 लागू होता है, उनकी ग्रेच्युटी की गणना कुछ इस प्रकार होती है कि यहां सैलरी में (बेसिक सैलरी + Dearness Allowance) को शामिल किया जाता है। और 6 महीने से अधिक काम करने पर भी उसे पीरियड ऑफ़ सर्विस में पूरा वर्ष माना जाएगा, जैसे कि उदाहरण के लिए आप नीचे पढ़े।
जब कोई कर्मचारी किसी भी संगठन के लिए 16 वर्ष 7 महीने से काम कर रहा है और उसकी सैलरी ₹50,000 प्रति महीना है, तो उसकी ग्रेच्युटी की राशि [₹50,000 * 17 * 15]/26 = ₹4,90,000 होगी।
कर्मचारी जिन पर ग्रेच्युटी एक्ट 1978 लागू नहीं होता है उनकी ग्रेच्युटी की गणना कुछ इस प्रकार होती है कि यहां सैलरी में (बेसिक सैलरी+ Dearness Allowance (If forming part of retirement benefit) + Commission on fixed % of turnover achieved by employee) शामिल किया जाता है।
इसके अलावा 12 महीने से कम पीरियड को छोड़ दिया जाएगा। उदाहरण के लिए आपने 9 वर्ष 11 महीने काम किया हो तो उसे केवल 9 वर्ष ही माना जाएगा।
ग्रेच्युटी का भुगतान कब किया जाता है?
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया किसी भी संगठन में कर्मचारी द्वारा 5 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है।
- On superannuation
- रिटायरमेंट या त्यागपत्र देने पर
- मृत्यु या और असक्षम हो जाने पर
ऊपर दिए गए तीनों में से किसी भी शर्त पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है और उसे 30 दिनों के भीतर ग्रेच्युटी मिल जाना चाहिए नहीं, तो संगठनों को 30 दिनों के बाद भुगतान करने पर कर्मचारी को इंटरेस्ट के साथ ग्रेच्युटी का पेमेंट करना पड़ेगा।
इसके अलावा जब कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर ग्रेच्युटी का भुगतान कानूनी तौर पर उत्तराधिकारी को किया जाएगा। इसके अलावा नॉमिनी को भी भुगतान किया जा सकता है।
Taxation of Gratuity
1. सरकारी कर्मचारी
जो भी कर्मचारी स्टेट गवर्नमेंट, लोकल अथॉरिटी या फिर सेंट्रल गवर्नमेंट किस संगठन में काम करता है, तो उस कर्मचारी को रिटायरमेंट या मृत्यु पर मिले ग्रेच्युटी की राशि पर टैक्स भरने की जरूरत नहीं होती है।
2. ग्रेच्युटी एक्ट 1972 लागू होने वाले कर्मचारी
किन कर्मचारियों को (a) Last Drawn Salary * Period of Service *15 /26, (b ) 20 लाख, (3) प्राप्त ग्रेच्युटी की राशि, इस फार्मूले के आधार पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।
जैसे कि अगर कोई कर्मचारी किसी भी कंपनी में पिछले 6 वर्ष 7 महीने से काम कर रहा है और उसकी प्रति महीना सैलरी ₹50,000 हैं और उससे मिले ग्रेच्युटी की राशि ₹6,00,000 हैं तो इस मामले में उसकी टैक्सेबल ग्रेच्युटी की राशि –
- ₹50,000*17*15/26 = ₹4,90,385
- ₹20,00,000
- ₹6,00,000
इसका मतलब यह है कि इसमें से सबसे कम राशि ₹4,90,385 है और यह राशि टैक्स फ्री होगी और टैक्सेबल ग्रेच्युटी की राशि ₹6,00,000 – ₹4,90,385 = ₹1,09,615 होगी।
3. ग्रेच्युटी एक्ट 1972 लागू न होने वाले कर्मचारी
इस केस में इन कर्मचारियों के टैक्सेबल ग्रेच्युटी की गणना कुछ इस प्रकार की जाती है, (a) Average Last 10 months Salary * Completed year of Service *15 /30 , (b ) 20 लाख, (3) प्राप्त ग्रेच्युटी की राशि।
इस फार्मूले के आधार पर आप इन कर्मचारियों के टैक्सेबल ग्रेच्युटी की राशि का पता लगा सकते हैं।
हम आशा करते हैं कि आपको हमारे इस लेख के जरिए ग्रेच्युटी क्या है (Gratuity Meaning in Hindi) इस प्रश्न का उत्तर ठीक-ठाक से मिल गया होगा। अगर आपको इसके बारे में और कुछ जानकारी चाहिए तो, आप नीचे कमेंट बॉक्स से हम से संपर्क कर सकते हैं।
यह भी पढ़े:
- Moratorium क्या है – Moratorium Meaning in Hindi
- PUBG Alternatives 2020: PUBG जैसे 5 Best Games
- EPF में मोबाइल नंबर Register, Change या Update कैसे करें?
- सिर्फ 5 मिनट में Paytm KYC Verify करें
- Call Barring Meaning in Hindi – Call Barring क्या है