Information About Pigeon in Hindi: आपने अक्सर अपने घर के आस-पास या फिर जंगल में या अक्सर के अंदर घूमते कबूतरों को देखा होगा भारत में ज्यादातर कबूतर हल्के काले रंग का होता है और लोगों को सफेद कबूतर ज्यादा पसंद आता है। फिल्मों में भी अक्सर लोग सफेद कबूतर इस्तेमाल करते हैं इसके अलावा कबूतर के ऊपर एक गाना भी बॉलीवुड में काफी पॉपुलर है, जिसके पहले दो बोल मजकली मजकली है। लेकिन यहां पर हम आपको कबूतर की जानकारी पेश करने वाले हैं।
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Information About Pigeon in Hindi कबूतर की जानकारी

- कबूतर पक्षी अपने घोसले को मंदिरों या फिर बड़े इमारतों पर बनाते हैं।
- कबूतर उड़ते वक्त हवा में गुलाटी भी मार सकती है, जिससे शिकारी से बचा जा सकता है।
- पूरे विश्व भर में लगभग 40 करोड से भी ज्यादा कबूतर पाए जाते हैं।
- 40 किलोमीटर दूर रखी गई वस्तु को भी स्पष्ट रूप से देखने में कबूतर सक्षम होती है।
- कबूतर एक ऐसी इकलौती प्राणी है, जोकि शीशे में अपने आप को पहचान सकती है।
- कबूतर की याददाश्त बहुत तेज होती है, जिससे वह किसी भी संदेश को आसानी से गंतव्य तक पहुंचा देती है।
- कबूतर का जीवनकाल 6 से 10 वर्ष के भीतर होता है।
- कबूतर हमेशा झुंड में रहना पसंद करता है।
- दुनिया में लगभग 6000 से भी ज्यादा कबूतरों को हर वर्ष पिंजरे में पाला जाता है, जो कि काफी दुख दायक होता है।
- जैसा कि हमने आपको बताया दो तरह के कबूतर पाए जाते हैं, एक सफेद और दूसरा हल्का काले रंग का जिसे अंग्रेजी में ग्रे कलर भी कहा जाता है।
- कबूतर को लोग शांति का प्रतीक भी कहते हैं, क्योंकि यह शांत स्वभाव का होता है।
- कबूतर पक्षी का मुख्य भोजन फल, डालें, अनाज और बीज होते हैं।
- कबूतर के पास उड़ने के लिए दो पंख होते हैं और एक चोंच होती है। उड़ने की क्षमता लगभग 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
- दुनिया में सबसे ज्यादा वक्त तक जीने वाला कबूतर 25 वर्ष का था।
- जब कबूतर 2000 किलोमीटर की सैर करते हैं, तो वापस उसी रास्ते पर आ सकते हैं। यह कभी रास्ता भूलते नही।
- कबूतर लगभग 6000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकते हैं।
- मनुष्य की तुलना में कबूतर आसानी से कम फ्रिकवेंसी वाली ध्वनियों को भी सुन सकते हैं, जिससे आने वाले तूफानों और ज्वालामुखी का भी अंदाजा कबूतर लगा लेते हैं।
- कबूतर 1 बार में 3 अंडे दे सकते हैं और सामान्य तौर पर लगभग 2 अंड कबूतर देते हैं।
- कबूतर के चूजे को अंडे से निकलने के लगभग 32 दिन लगते हैं।
- कबूतर के बच्चों को पालना मादा और नर दोनों का काम होता है।
- एक अध्ययन के अनुसार यह पता चला है कि कबूतरों को गणित भी सिखाया जा सकता है, इन्हें संख्या गणित और वस्तु के बीच संख्यात्मक अंतर कभी पता लग जाता है।
- इसके अलावा कबूतर आसानी से तस्वीर में मौजूद व्यक्तियों को भी पहचान सकते हैं।
- रामायण और महाभारत के काल से ही कबूतरों को संदेशवाहक के रूप में इस्तेमाल किया जा चुका हैं।
- अपना घोंसला इंसानी इलाकों में बनाना पसंद करते हैं।
- कबूतर असल में बेहद मासूम होते हैं और इन्हें पिंजरे में बंद होना पसंद नहीं होता है।
अक्सर लोग चिंगम खाकर पब्लिक प्लेस के आसपास फेंक देते हैं, जिसके बाद भूखे कबूतर चिंगम को दाना समझकर खा लेते हैं और कबूतर तड़प तड़प कर मर जाते हैं। हमारी तरफ से आपको यही विनती है कि कभी भी चिंगम खाकर पब्लिक प्लेस पर ना थूके इससे मासूम पक्षियों की जान जा सकती है। आशा करता हूं कि आपको हमारा यह लेख कबूतर की जानकारी जरूर पसंद आया होगा। आने वाले समय में हम यहां पर और भी रोचक तथ्यों की सूची अपडेट करने वाले हैं।
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FAQs
घरेलू कबूतर आमतौर पर इमारत, मंदिर, घर, फार्म हाउस, अनाज और गेहूं के फॉर्म तथा दुकानों के ऊपर घोसले बनाकर रहते हैं।
लोगों का ऐसा कहना है कि घर में पिंजरे में कबूतर पालने से घर में सुख शांति आती है, लेकिन यह गलत है। क्योंकि पिंजरे में यदि हम कबूतर को पालते हैं तो वह हमेशा दुखद रहता है, जिससे घर में नेगेटिव एनर्जी फैल सकती है। लेकिन यदि आप घर में आने वाले कबूतरों को दाना और पानी देते हैं, तो आपके घर के छत पर कबूतर घोंसला बनाएंगे, जिससे सुख शांति जरूर आपके घर आएगी।
कबूतर के बच्चे लगभग 30 दिन में उड़ने लगते हैं।