हमारे सुंदर ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज के इस लेख में हम आपको अव्यय किसे कहते हैं! इसके बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। जैसे कि अव्यय की परिभाषा, भेद और उदाहरण की जानकारी भी आप को संपूर्ण रूप से मिलने वाली है।
Table of Contents
अव्यय किसे कहते हैं – Avyay Kise Kahte Hai
अव्यय की परिभाषा:
जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक इत्यादि के कारण कोई भी परिवर्तन नहीं होता है, उन शब्दों को अव्यय के नाम से पहचाना जाता है।
उदहारण:
1. वैसा मत करो
2. वह तेज दौड़ता है
3. मैं अवश्य लिख लूंगा
ऊपर दिए गए तीन उदाहरण में से जिन शब्दों को बोल्ड किया गया है, वह सभी अव्यय शब्द है। क्योंकि इन में कभी भी विकार या परिवर्तन नहीं होता है।
अव्यय के भेद – Avyay Ke Bhed
यदि आपको प्रश्न के रूप में अव्यय के कितने प्रकार या फिर कितने भेद होते हैं! यह प्रश्न पूछा जाए तो, हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि हिंदी व्याकरण में अव्यय के प्रमुख 5 भेद होते हैं, जो कि निम्नलिखित है।
1. क्रिया विशेषण
2. संबंधबोधक
3. समुच्चयबोधक
4. विस्मयादिबोधक
5. निपात
1. क्रिया विशेषण अव्यय किसे कहते हैं?
क्रिया विशेषण की परिभाषा यह है कि जिस शब्द से क्रिया की विशेषता प्रकट होती है, उसे क्रिया विशेषण के नाम से जाना जाता है।
उदाहरण: मैं धीरे-धीरे खेलता हूं।
यहां पर “खेलता हूं” यह क्रिया है और खेलने का काम “धीरे-धीरे” हो रहा है, इस वजह से “धीरे-धीरे” यहां पर क्रियाविशेषण अव्यय है, यहां पर इसका मूल रूप नहीं बदलता है।
क्रिया विशेषण अव्यय के भेद:
क्रिया विशेषण के कुल पांच भेद होते हैं जो कि इस प्रकार है,
1. स्थानवाचक: यहां, वहां, जहां, कहां, आगे, पीछे
2. कालवाचक: कब, जब, अब, परसों, कल, आज
3. रीतिवाचक: सचमुच, धीरे, अचानक, कैसे, वैसे, ऐसे
4. परिमाणवाचक: खूब, बिल्कुल, भारी, बड़ा, बहुत
5. प्रश्नवाचक: किस कारण, किस लिए, क्या, क्यों
2. संबंधबोधक अव्यय किसे कहते हैं?
संबंधबोधक की परिभाषा यह है कि वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ सर्वनाम या संज्ञा का संबंध बताने वाले अव्यय शब्द को ही संबंधबोधक अव्यय के नाम से जाना जाता है।
उदाहरण:
1. मयूर दसवीं के बाद आर्ट्स लेगा।
2. अक्षय दिन भर पढ़ता रहेगा।
3. आदर्श के कारण निखिल बीमार पड़ गया।
आपको बता दें कि ऊपर दिए गए उदाहरण में से के ऊपर, की ओर, बाद में, भर, या कारण आदि शब्द संबंधबोधक अव्यय है।
3. समुच्चयबोधक अव्यय किसे कहते हैं?
समुच्चयबोधक की परिभाषा यह है कि समुच्चयबोधक शब्दों को दो वाक्यों को परस्पर जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है, इस वजह से उन शब्दों को ही समुच्चयबोधक अव्यय के नाम से जाना जाता है।
उदाहरण:
1. अक्षय नई क्रिकेट में शतक जड़ा इसलिए उसको मैन ऑफ द मैच अवार्ड मिला।
2. यदि राघवेंद्र तेज गेंद डालता है तो वह जरूर बहुत बड़ा तेज गेंदबाज बन जाएगा।
3. शुभं खेलता रहता है इसलिए वह सेहतमंद है?
समुच्चयबोधक अव्यय के भेद:
1. समानिधिकारण समुच्चयबोधक: यहां पर मुख्य वाक्य को जोड़ने वाले अव्यय शब्द को समानाधिकरण कहते हैं।
उदाहरण: या, तो, नहीं, कि, अथवा, एवं, तथा, और इत्यादि।
2. व्यतिकरण समुच्चयबोधक: जब एक या अधिक आश्रित वाक्य एक वाक्य में अव्यय द्वारा जोड़े जाते हैं, तब उसे व्यतिकरण समुच्चयबोधक कहा जाता है।
उदाहरण: ताकि, कि, इसलिए, जो कि, क्योंकि इत्यादि।
4. विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं?
विस्मयादिबोधक की परिभाषा यह है कि जिन अव्यय शब्दों से हर्ष, शोक आदि से भाव प्रकट हो, उन्हें प्राकृतिक रूप से विस्मयादिबोधक अव्यय कहा जाता है।
उदाहरण: हाय, वाह, हे, अरे, ओहो, छिह, ओह इत्यादि।
5. निपात अव्यय किसे कहते हैं?
निपात अव्यय की परिभाषा यह है कि निपात अव्यय शब्द किसी भी वाक्य को नवीनता या चमत्कार उत्पन्न की तरह बना देते हैं, क्योंकि निपात अव्यय का कार्य शब्द समूह में बल प्रकट करना होता है।
उदाहरण:
1. राम ने ही रावण को मारा था।
2. सपना तो अक्षय के साथ बेलगांव शहर जाने वाली थी।
3. महेंद्र सिंह धोनी भी सुरेश रैना के साथ कल चेन्नई जा रहे हैं।
ऊपर दिए गए उदाहरण में से तो, भी, ही यह शब्द का प्रयोग उन वाक्यों में निपात अव्यय बन जाता है। यह अव्यय शब्द सहायक पद वाक्य का अंग नहीं होते हैं, बल्कि यह सिर्फ शब्द समूह को बल प्रदान करने के लिए काम करते हैं।
यहां पर हमने आपको पूर्ण रूप से अव्यय किसे कहते हैं! इसके अलावा अव्यय के प्रकार या भेद और उदाहरण समेत सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की है। इसके अलावा भी आपको और कुछ जानकारी इससे जुड़ी चाहिए तो आप अपने सवाल नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
इन्हें भी पढ़े: